Sunday, July 24, 2011

दिल जलेगा तो ज़माने में उजाला होगा : प्रेम वार्बर्तोनी


दिल जलेगा तो ज़माने में उजाला होगा
हुस्न ज़र्रो का सितारों से निराला होगा

कौन जाने ये मोहब्बत की सज़ा है के सिला
हम किनारे पे भी पहुंचे तो किनारा न मिला
बुझ गया चाँद किसी दर्द भरे दिल की तरह
रात का रंग अभी और भी काला होगा

देखना रोयेगी फ़रियाद करेगी दुनिया
हम न होंगे तो हमें याद करेगी दुनिया
अपने जीने की अदा भी अनोखी सब से
अपने मरने का भी अंदाज़ निराला होगा

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